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sun superflare new study about the threats satellite gps power grid may face difficulties

Super Flares of the Sun : सूर्य की रौशनी से पृथ्वी रौशन होती है. धरती पर गर्मी का एहसास होता है. साथ ही धरती पर कई और तरह के ऊर्जाओं का स्रोत सूर्य होता है. लेकिन सूर्य से अविश्वसनीय रूप से बड़ी ऊर्जा की तरंगे भी निकलतीं हैं, जो पृथ्वी के लिए बेहद गंभीर समस्या बन सकती है. उन्हें सौर सुपरफ्लेयर कहा जाता है.

दुनियाभर के वैज्ञानिक धीरे-धीरे इसका अध्ययन करते हुए इसे लेकर चिंतित हो रहे हैं. क्योंकि पहले वैज्ञानिकों को लगता था कि ये सूर्य में ये घटनाएं लगभग एक हजार साल में एक बार होती है. लेकिन हाल ही में उन्हें ये पता चला है कि अंतरिक्ष में ये घटनाएं अक्सर होती है. सूर्य के सुपरफ्लेयर हमारे लिए इसलिए चिंता के विषय हैं क्योंकि हम सैटेलाइट, जीपीएस और पावर ग्रिड जैसी बहुत सारी तकनीकों का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन एक बड़ी सौर ज्वाला इन सभी चीजों को एक बार में गड़बड़ कर सकती हैं. अब सवाल यह है कि क्या हम सौर ज्वाला से होने वाली समस्याओं के लिए तैयार हैं?

ऊर्जा के विस्फोट हैं सौर ज्वालाएं

सौर ज्वालाएं ऊर्जा के विस्फोट हैं, जिन्हें सूर्य खुले अंतरिक्ष में निष्कासित कर देता है. सूर्य की मामूली सौर ज्वाला सरलता से पृथ्वी के लिए मामूली व्यवधान को पैदा कर सकती है. जिसमें रेडियो सिग्नल या जीपीएस सेवा में गड़बड़ी हो सकती है. हालांकि, एक सौर सुपरफ्लेयर बेहद शक्तिशाली होता है. नियमित फ्लेयर की तुलना में इसमें लाखों गुना अधिक ऊर्जा निकलेगी. बता दें कि ये विस्फोट प्रकाश की गति से चलते हैं, जिसे अंतरिक्ष में पृथ्वी तक पहुंचने में बस चंद मिनट का ही समय लग सकता है.

धरती पर सौर सुपरफ्लेयर से आ सकती हैं कैसी दिक्कतें

सूर्य की छोटी सौर ज्वाला पृथ्वी पर कई अस्थायी समस्याएं पैदा करती हैं. लेकिन वहीं एक सुपरफ्लेयर बेहद विनाशकारी हो सकती है. जो अंतरिक्ष में सेटैलाइटों को भी तबाह कर सकता है, बिजली ग्रिडों को बंद कर सकती है. साथ ही दुनियाभर के संचार माध्यमों को भी खराब कर सकती है और ये समस्या कई दिन, हफ्ते या महीनें तक भी रह सकती है. जिससे लोगों के रोजमर्रा की जिंदगी में समस्याएं पैदा हो सकती है.

नए अध्ययन में हुआ खुलासा

डॉ. वैलेरी वसीलीव ने दिसंबर 2024 में साइंस में प्रकाशित एक हालिया अध्ययन में उन्होंने 50 हजार से ज्यादा सितारों के डेटा की जांच की. उन तारों को करीब 100 वर्षों में एक बार सुपरफ्लेयर का अनुभव होता है. इस नई खोज ने वैज्ञानिकों के लिए चिंता पैदा कर दी है.

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Source link: ABP News

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