China j35 Stealth Fighter Jet: हाल ही में पाकिस्तान ने पांचवीं पीढ़ी की स्टील्थ फाइटर J-35 जेट खरीदने के लिए चीन के साथ डील की थी. अब यह फाइटर जेट इंटरनेशनल मार्केट में एंट्री के लिए पूरी तरह तैयार है. पाकिस्तानी मीडिया की माने तो दो साल में उसे ये फाइटर जेट्स मिल जाएंगे. यह पहला मौका होगा, जब चीन पांचवीं पीढ़ी का फाइटर जेट किसी दूसरे देश को देगा. पाकिस्तान को मिलने वाला यह विमान भारत की टेंशन बढ़ा सकता है.
पाकिस्तान ने 40 विमानों के खरीद को दी मंजूरी
पाकिस्तानी बेड़े में इस विमान के शामिल होते ही उनका एयरफोर्स काफी एडवांस हो जाएगा. पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार पाकिस्तान एयरफोर्स ने 40 विमानों के खरीद को मंजूरी दी है. अभी पाकिस्तान के पास अमेरिका का एफ-16 और फ्रांस का मिराज फाइटर प्लेन हैं. पाकिस्तानी न्यूज चैनल ने जुलाई 2024 में बताया था कि पाकिस्तान एयरफोर्स के पायलट जे-31 स्टील्थ फाइटर जेट के लिए ट्रेनिंग ले रही है. इससे पहले पाकिस्तान चीन से J-10CE मल्टी रोल फाइटर जेट खरीद चुका है.
पाकिस्तान का एयरफोर्स होगा मजबूत
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी वायु सेना के चाइना एयरोस्पेस स्टडीज इंस्टीट्यूट के निदेशक ब्रेंडन मुलवेनी ने कहा कि पाकिस्तान का यह कदम उसे भारतीय वायुसेना मजबूत करेगा. उन्होंने कहा, “वे (पाकिस्तानी एयरफोर्स) इस जेट को कितनी अच्छी तरह उड़ा सकते हैं और इससे लड़ सकते हैं, यह एक अलग मामला है.” हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यह जेट भले ही बहुत बढ़िया हो, लेकिन यदि इसमें हथियार, सेंसर सूट और C4ISR नहीं है, तो इसका कोई महत्व नहीं है.
मीडिल ईस्ट को भी बेचे जाने का अनुमान
सैन्य विशेषज्ञ और पूर्व पीएलए प्रशिक्षक सोंग झोंगपिंग ने कहा, “चीन छठी पीढ़ी के फाइटर प्लेन को बनाने में काफी आगे है, ऐसे में वह अपने मित्र देशों को आसानी पांचवी पीढ़ी का जेट उपलब्ध करा सकता है. इसे चीन की घरेलू जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ विदेशी सैन्य बिक्री के लिए भी तैयार किया गया है.” वाशिंगटन स्थित थिंक टैंक सेंटर फॉर स्ट्रेटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज के फेलो ब्रायन हार्ट ने चीन के इस जेट की तारीफ करते हुए कहा कि इसे मीडिल ईस्ट के देशों को भी बेचा जा सकता है.
इंडियन एयरफोर्स की ताकत
भारत फ्रांस से उन्नत राफेल लड़ाकू विमानों के साथ-साथ रूस से मिग-29 और एसयू-30एमकेआई विमानों के साथ अपनी वायु शक्ति को मजबूत कर रहा है. भारतीय वायुसेना अमेरिका और रूस से भले ही पीछे हो, लेकिन एशिया में वह चीन और जापान से आगे हैं. भारत ने एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट नाम से अपना पांचवीं पीढ़ी का विमान विकसित करने की योजना बनाई है, जिसका बड़े पैमाने पर उत्पादन 2035 तक शुरू होने की उम्मीद है.
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