KUMBH: संगम के शहर प्रयागराज में जन्मे और पले बढ़े मशहूर बांसुरी वादक हरिप्रसाद चौरसिया की यहां आयोजित होने वाले कुंभ और महाकुंभ से तमाम यादें जुड़ी हुई है. उनका कहना है कि उनके जमाने और आज के कुंभ में बहुत फर्क आ गया है. पहले संत महात्मा तंबुओं में रहते थे. शाम होने के बाद अंधेरा छा जाता था. बिजली नहीं होती थी, लेकिन अब महाकुंभ की पहचान समुचित दुनिया में हो गई है. मोदी और योगी की सरकारों ने शानदार व्यवस्थाएं की हैं. तंबुओं की जगह अब फाइव स्टार होटलो की तरह कमरे बन गए हैं. अब हर तरफ चकाचौंध नजर आती है.
हरिप्रसाद चौरसिया के मुताबिक वह भले ही मुंबई में बस गए हो, लेकिन यहां आयोजित होने वाले कुंभ के मेले में हर बार जरूर आते हैं. इस बार 13 जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में भी वह संगम नगरी आएंगे. यहां कुछ पल संत महात्माओं के साथ बिताएंगे और साथ ही मां गंगा को आचमन कर आशीर्वाद भी लेंगे. उनके मुताबिक वह महाकुंभ में आने वाले संत महात्माओं और श्रद्धालुओं के बीच अपनी बांसुरी भी बजाएंगे.
3 दिन के कार्यक्रम में बड़े कलाकार शामिल होंगे
पंडित हरिप्रसाद चौरसिया आज प्रयागराज में बज़्म ए विरासत कार्यक्रम का उद्घाटन करने के लिए प्रयागराज आए हुए हैं. यह कार्यक्रम प्रयागराज में ही जन्मे बॉलीवुड के मशहूर फिल्म डायरेक्टर और प्रोड्यूसर तिग्मांशु धूलिया और उनके सहयोगियों की तरफ से आयोजित किया जा रहा है. तिग्मांशु धूलिया महाकुंभ से पहले प्रयागराज में कलाकारों संगीतकारों और साहित्यकारों का कुंभ आयोजित कर रहे हैं. तीन दिनों के इस कार्यक्रम में 15 सेशन आयोजित हो रहे हैं. इसमें देश की कई नामचीन हस्तियां शामिल हो रही हैं.
बज़्म ए विरासत में वसीम वरेलवी शामिल रहेंगे
पहले दिन उद्घाटन के मौके पर पूर्व क्रिकेटर और कमेंटेटर मोहम्मद कैफ़ भी मौजूद थे. बज़्म ए विरासत मैं दूसरे दिन संगीतकार शुभा मुद्गल और शायर वसीम बरेलवी मौजूद रहेंगे तो आखरी दिन मशहूर फिल्म एक्टर नवाजुद्दीन सिद्दीकी, नंदिता दास और संजय मिश्रा यहां के लोगों से रूबरू होंगे. इस कार्यक्रम का आयोजन प्रयागराज की कला और संस्कृति को आगे बढ़ाना है और युवाओं को यहां के कल्चर से रूबरू कराना है.
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