Rajasthan Congress Candidate List: राजस्थान में विधानसभा की सात सीटों पर होने वाले उपचुनाव के लिए कांग्रेस ने बुधवार की रात को उम्मीदवारों की घोषणा की. पार्टी ने झुंझुनू से अमित ओला, दौसा से दीन दयाल बैरवा, देवली-उनियारा से कस्तूर चंद मीणा, खींवसर से रतन चौधरी, चौरासी से महेश रोत, सलूंबर से रेशमा मीणा और रामगढ़ से आर्यन जुबैर को उम्मीदवार बनाया है.
अमित ओला सांसद बृजेन्द्र सिंह ओला के बेटे हैं. वहीं आर्यन जुबैर पूर्व विधायक दिवंगत जुबैर खान के बेटे हैं. सभी सात सीटों पर उम्मीदवारों के ऐलान के साथ साफ हो गया है कि कांग्रेस हनुमान बेनीवाल की राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) से गठबंधन नहीं कर रही है.
कांग्रेस-आरएलपी गठबंधन टूटा
इस साल हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने नागौर सीट पर आरएलपी और सीकर सीट पर मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ गठबंधन किया था. 2023 विधानसभा चुनाव में नागौर जिले की खींवसर विधानसभा सीट जीतने वाले हनुमान बेनीवाल इस साल नागौर संसदीय सीट से सांसद चुने गए, जिसके बाद खींवसर विधानसभा सीट खाली हो गई है. खींवसर सीट पर कांग्रेस-आरएलपी गठबंधन की अटकलें थीं लेकिन बात नहीं बनी.
सभी सात सीटों पर उपचुनाव के लिए मतदान 13 नवंबर को होगा और 23 नवंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे. नामांकन की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू हुई और नामांकन भरने की अंतिम तिथि 25 अक्टूबर है. यहां विधानसभा में कुल 200 सीट हैं जिनमें से 5 सीट विधायकों के सांसद बनने के कारण और दो सीट विधायकों के निधन के कारण खाली हैं.
क्यों हो रहे उपचुनाव?
जिन सात विधानसभा सीट पर उपचुनाव होने हैं उनमें झुंझुनू सीट कांग्रेस के विधायक बृजेंद्र ओला, दौसा सीट कांग्रेस के विधायक मुरारीलाल मीणा, देवली-उनियारा सीट कांग्रेस के विधायक हरीश चंद्र मीणा, खींवसर सीट राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के विधायक हनुमान बेनीवाल और चौरासी सीट भारत आदिवासी पार्टी के विधायक राजकुमार रोत के इस्तीफा देने के कारण खाली हुई हैं.
इन सभी विधायकों ने इस साल संपन्न हुए लोकसभा चुनाव में सांसद चुने जाने के बाद इस्तीफा दिया था. वहीं राज्य की रामगढ़ सीट कांग्रेस विधायक जुबेर खान और सलूंबर सीट भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक अमृतलाल मीणा के निधन के कारण खाली हुई हैं.
किसके पास थी कितनी सीटें?
जिन सात सीट पर उपचुनाव होना है उनमें से चार कांग्रेस के पास थीं. राज्य विधानसभा में इस समय भारतीय जनता पार्टी के 114, कांग्रेस के 65, भारत आदिवासी पार्टी के तीन, बहुजन समाज पार्टी के दो और राष्ट्रीय लोकदल का एक विधायक है. इसके अलावा आठ निर्दलीय विधायक हैं. ये उप-चुनाव कांग्रेस के लिए काफी अहम है, क्योंकि उसने पिछले दो लोकसभा चुनाव से काफी अच्छा प्रदर्शन किया है. साथ ही उसके सामने अपनी सीट भी बचाने की चुनौती है.
(इनपुट भाषा से भी)
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