US-India Relations : पूरी दुनिया में आज भारत की ताकत और इसकी क्षमता का डंका बज रहा है. विश्व के सभी देश आज भारत की ताकत का लोहा मान रही है. वहीं, दुनिया का सबसे बड़ा सुपर पावर कहा जाने वाला संयुक्त राज्य अमेरिका भी भारत से दोस्ती निभाने के लिए अपने कानून में बदलाव किया है. मिसाइल टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष क्षेत्र में भारत की ताकत और क्षमता ने अमेरिका को मजबूर कर दिया है कि वह अपने पुराने कानून को भारत के पक्ष में ढाल दे.
दरअसल, अमेरिकी प्रशासन ने हाल ही में एक फैसला लिया है. व्हाइट हाउस की प्रिंसिपल डिप्टी नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजर जॉन फाइनर ने ये घोषणा की है कि अमेरिका अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी कंट्रोल रेजीम (MTCR) के तहत निर्यात नियंत्रण नीतियों में बदलाव कर रहा है. अमेरिकी कानून में इस बदलाव का उद्देश्य भारत और अमेरिका के बीच अंतरिक्ष और मिसाइल क्षेत्र में सहयोग को और मजबूत करना है.
क्या है MTCR, जिसमें किया जा बदलाव?
उल्लेखनीय है कि MTCR एक समझौता है, जिसे 1986 में मिसाइल और उनकी तकनीकों के प्रसार को रोकने के लिए बनाया गया था. भारत 2016 में इस समझौते का सदस्य बना था. हालांकि एमटीसीआर की कुछ सीमाओं की वजह से भारत और अमेरिकी कंपनियों के बीच साझेदारी आ रही है. इसलिए अमेरिका ने अब तय किया है कि वह इन सभी बाधाओं को दूर कर देगा, जिससे कि भारतीय और अमेरिकी कंपनियां एक साथ मिलकर काम कर सके.
MTCR के नियमों में बदलाव के बाद अब दोनों देश एक-दूसरे के साथ क्रिटिकल तकनीक का भी लेन-देन कर सकेंगे. भारत के मंगलयान और चंद्रयान जैसे अंतरिक्ष मिशन ने पूरी दुनिया चौंका दिया है. अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने भी भारत की सफलता को सराहा है. अब अमेरिका भारत के साथ मिलकर काम करना चाहता है, जिससे दोनों देश अंतरिक्ष के क्षेत्र में नई ऊंचाईओं को हासिल कर सके.
यूएस का फैसला पाकिस्तान-चीन के लिए बड़ा झटका
MTCR के नियमों भारत के लिए बदलाव करने का अमेरिका का यह फैसला पाकिस्तान और चीन के लिए बहुत बड़ा झटका है. जहां एक ओर पाकिस्तान को अमेरिका से सैन्य सहयोग में कटौती का सामना करना पड़ रहा है. वहीं, दूसरी ओर चीन को इस साझेदारी से कड़ी चुनौती मिलने वाली है.
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