Modi 3.0 First Budget: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को सुबह 11 बजे केंद्रीय बजट पेश करेंगी. संसद का मानसून सत्र 22 जुलाई से शुरू हो चुका है और ये 12 अगस्त तक चलेगा. यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा और वित्त मंत्री सीतारमण का लगातार सातवां बजट होगा.
बजट से जुड़े सभी दस्तावेज indiabudget.gov.in पर उपलब्ध होंगे. बजट को पेश होते हुए दूरदर्शन, संसद टीवी और अलग-अलग आधिकारिक सरकारी यूट्यूब चैनलों पर लाइव देखा जा सकेगा. वहीं, निर्मला सीतारमण पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई का रिकॉर्ड तोड़ेंगी. हालांकि, सबसे अधिक बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड अब भी देसाई के पास ही है. सीतारमण अगले महीने 65 वर्ष की हो जाएंगी.
निर्मला सीतारमण बनाएंगी रिकॉर्ड
उन्हें 2019 में भारत की पहली पूर्णकालिक महिला वित्त मंत्री बनाया गया था. इसी साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने केंद्र में लगातार दूसरी बार सरकार बनाई थी. तब से सीतारमण ने इस साल फरवरी में एक अंतरिम सहित लगातार छह बजट पेश किए हैं. वित्त वर्ष 2024-25 (अप्रैल, 2024 से मार्च, 2025) का पूर्ण बजट उनका लगातार सातवां बजट होगा. वह देसाई के रिकॉर्ड से आगे निकल जाएंगी, जिन्होंने 1959 से 1964 के बीच लगातार पांच पूर्ण बजट और एक अंतरिम बजट पेश किया था.
बजट से क्या हैं लोगों को उम्मीदें?
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि इस सप्ताह पेश होने वाले आम बजट में नई पेंशन प्रणाली और आयुष्मान भारत जैसी सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं को लेकर कुछ घोषणाएं हो सकती हैं. हालांकि, आयकर के मामले में राहत की उम्मीद कम है. उनका यह भी कहना है कि अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए बुनियादी ढांचे पर जोर, ग्रामीण और कृषि संबंधी आवंटन बढ़ने और सूक्ष्म तथा लघु उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाये जाने की संभावना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने लोकसभा चुनाव के लिए भारतीय जनता पार्टी का घोषणापत्र जारी करते हुए कहा था कि 70 साल से ऊपर के सभी नागरिकों को पांच लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज के लिए आयुष्मान योजना के दायरे में लाया जाएगा. उन्होंने यह भी कहा था कि पार्टी का ध्यान निवेश के जरिये लोगों के मान-सम्मान और बेहतर जीवन तथा रोजगार सुनिश्चित करने पर है.
मूडीज एनालिटिक्स को बजट से हैं ये उम्मीदें
वहीं, मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि मंगलवार को संसद में पेश किए जाने वाले वित्त वर्ष 2024-25 के पूर्ण बजट में पूंजीगत व्यय में वृद्धि हो सकती है. मूडीज एनालिटिक्स की अर्थशास्त्री अदिति रमन ने सोमवार को कहा कि जून में लोकसभा में अपना पूर्ण बहुमत खोने के बाद, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नई गठबंधन सरकार में जनता का भरोसा जगाने की कोशिश करेगी.
उन्होंने कहा कि अंतरिम बजट में कर दरों को बरकरार रखा गया था लेकिन नियोजित सरकारी व्यय में किसी भी बढ़ोतरी के साथ ही घाटे को बढ़ने से रोकने के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष कराधान के जरिए अधिक कर लेना होगा.
उन्होंने कहा कि फिलहाल भारत की आर्थिक नीति में किसी बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है. चुनाव के बाद का यह बजट पहले तय लक्ष्यों को मजबूती देगा. इससे पहले अंतरिम बजट में बुनियादी ढांचे पर खर्च, विनिर्माण क्षेत्र को समर्थन और राजकोषीय विवेक पर जोर दिया गया था.
मूडीज एनालिटिक्स ने कहा कि बजट का व्यापार और उपभोक्ता विश्वास पर असर पड़ेगा. बजट बुनियादी ढांचे पर पूंजीगत व्यय और उत्पादन से जुड़े प्रोत्साहन योजनाओं के लिए वित्त पोषण को बनाए रखेगा या शायद इसे बढ़ा भी सकता है. रमन ने कहा कि बजट में कराधान के लिए अधिक मानकीकृत नजरिये की शुरुआत होने की संभावना है, लेकिन व्यापक जोर नीतियों को जारी रहने पर होगा.
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