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World heart day 2024 Gujarat UN mehta hospital created big achievement on heart surgery and heart transplant

World Heart Day 2024: पिछले कुछ सालों के आंकड़ों पर नजर डालें तो हार्ट अटैक और हार्ट से जुड़ी बीमारियों के मामलों में लगातार इजाफा हुआ है. इन हालातों में दिल से जुड़ी बीमारियों का अगर समय रहते पता लगाया जा सके और अगर मरीज को सही समय पर सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचाई जा सकती है.  इस मामले में गुजरात एक बेहतर प्रदेश बनकर उभरा है जिसने भारत ही नहीं अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं के पार आने वाले मरीजों को उम्मीद की किरण दिखाई है. यह गुजरात सरकार का अथक प्रयास ही है जिसके बदौलत गुजरात को भारत में हृदय रोग के उपचार के लिए उत्कृष्ट का मॉडल स्थापित करने में मदद मिली है.

हर साल 29 सितंबर को वर्ल्ड हार्ट डे मनाया जाता है. इस खास मौके पर आज हम आपको एक ऐसे अस्पताल से रूबरू कराने जा रहे हैं जहां कई हजारों लाखों मरीजों को नई जिंदगी दी गई है. हम बात क़र रहे हैं गुजरात के यू एन मेहता अस्पताल की. इस अस्पताल में 4 महीने के बच्चे को नई जिंदगी देने से लेकर 16 साल के बच्चे का हार्ट ट्रांसप्लांट कर सक्सेसफुल सर्जरी करने तक कई उपलब्धियां दर्ज हैं. दरअसल अहमदाबाद स्थित यूएन मेहता कार्डियोलॉजी और रिसर्च सेंटर गंभीर हृदय रोगों से जूझ रहे लोगों के लिए आशा की किरण बनकर उभरा है.

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World Heart Day 2024: गुजरात के इस अस्पताल में विदेशों से भी आते हैं मरीज, यहां लाखों को मिल चुकी नई जिंदगी

6 महीने के बच्चे को मिली नई ज़िंदगी 

गुजरात के यूएन मेहता अस्पताल में चार महीने के बच्चे घनश्याम को नया जीवन मिला. दरअसल इस बच्चे को दिल की गंभीर बीमारी थी. हालांकि जूनागढ़ जिले के केशोद में रहने वाले हिना बेन और उनकी पति सुरेश भाई यानि बच्चे के माता पिता की आर्थिक स्थिति भी उतनी अच्छी नहीं थी कि वह अपने बच्चों का पूरी तरह इलाज करा पाएं. ऐसे में गुजरात सरकार के स्कूल हेल्थ प्रोग्राम और अस्पताल में मिले मुफ्त इलाज से बच्चे को नई जिंदगी मिली और आज वह स्वास्थ्य जिंदगी जी का रहा है.


World Heart Day 2024: गुजरात के इस अस्पताल में विदेशों से भी आते हैं मरीज, यहां लाखों को मिल चुकी नई जिंदगी

हार्ट ट्रांसप्लांट कर दिया नया जीवन 

गांधीनगर के 16 वर्षीय प्रणय सिंह वाघेला का इस अस्पताल में हार्ट ट्रांसप्लांट किया गया जिसके बाद आज उसे नया जीवन मिला है. प्रणय का हृदय प्रत्यारोपण 27 सितंबर 2022 को हुआ था. अब पूरे 2 साल हो चुके हैं और आज प्रणय एक स्वस्थ जिंदगी जी रहा है. प्रणय के मुताबिक सर्जरी से पहले वह काफी डरा हुआ था लेकिन डॉक्टरों ने बहुत ही बेहतर तरीके से इस प्रत्यारोपण को सफल बनाया और आज वह दिल की बीमारी को हराकर एक स्वस्थ जिंदगी जी का रहा है.

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अस्पताल की उपलब्धियां 

आपको बता दे कि पिछले 5 सालों में यू एन मेहता इंस्टीट्यूट आफ कार्डियोलॉजी एंड रिसर्च सेंटर में लगातार उपलब्धियां दर्ज हो रही हैं. यहां साल 2020 में हार्ट प्रोसीजर्स की संख्या 13,615 थी जो साल 2023 में बढ़कर 29,510 हो गई वहीं अगस्त 2024 तक की बात की जाए तो राज्य में 19,560 प्रोसीजर्स पूरे किए गए. ये आंकड़े अपने आप में बताने के लिए काफी है कि जोखिम भरी हार्ट सर्जरी इसको अस्पताल में सफल पूर्वक किस तरह किया जाता है.

सर्जरी के बाद पोस्ट सर्जरी की जाने वाली देखभाल में भी अस्पताल अव्वल है. इस संस्थान में आउट पेशेंट विजिट्स 2020 में 15,747 से बढ़कर 2023 में 3,35,124 हो गए वहीं अगस्त का अस्पताल में 2,41,023 मरीज का उपचार हो चुका है. इन मरीजों के नियमित निगरानी की जाती है और ह्रदय सर्जरी के बाद पूरी देखभाल भी की जाती है.

सबसे बड़ी बात यह है कि सच अस्पताल को राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रसिद्ध ही मिल चुकी है. यहां आने वाले अंतरराष्ट्रीय मरीजों की संख्या 2020 में 21 थी जो बढ़कर 2023 में 195 हो गई है और अगस्त 2024 तक बात करें तो यहां 134 अंतरराष्ट्रीय हार्ट पेशेंट में इलाज कराया है .

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Source link: ABP News

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