Success Story: इस देश में भारतीय प्रशासनिक सेवा या राज्य प्रशासनिक सेवा का अधिकारी बनने का सपना हर युवा देखता है. सभी के कारण अलग हो सकते हैं. कोई खुद व अपने परिवार का नाम रोशन करने के लिए कोई अपने सपने पूरे करने के लिए तो कोई सेवा समाज सेवा करने के लिए इन पदों तक पहुंचना चाहता है. लेकिन उड़ीसा की रहने वाली बिनी मुडुली सही मायने में प्रेरणा और संघर्ष की मिसाल हैं. आइये जानते हैं उनके संघर्ष और लक्ष्य को पाने की कहानी के बारे में…
मुफलिसी में बीता जीवन
मूल रूप से मलकानगिरी जिले के खेमा गुड़ा क्षेत्र से आने वाली उड़ीसा सिविल सेवा की अधिकारी बिनी बोंडा कम्युनिटी से आती है, जो उड़ीसा में एक ट्राइबल समुदाय के तौर पर जाना जाता है. बिनी का जीवन बेहद कठिन रहा है. खेमागुड़ा के एक स्कूल से पढ़ाई शुरू कर शैक्षिक सफर शुरू करने वाली बिनी ने उम्र के हर दौर में मुश्किल हालात का सामना किया.
पिता बावर्ची तो मां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता
बिनी की मां सुनमलि किरसानी आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं जबकि उनकी पिता राम मुडुली पेशे से बावर्ची हैं. बिनी ने शुरुआती दौर से ही मुश्किल का सामना करना शुरू कर दिया. बेहद कम उम्र में वह समझ गईं कि अगर अपने कष्टों को खत्म करना है तो पढ़ाई के जरिये ही ऐसा किया जा सकता है. सीमित संसाधनों के बावजूद अपनी पढ़ाई और लक्ष्य के प्रति पूरी लगन के साथ वह डट गईं.
उड़ीसा लोक सेवा आयोग की तैयारी करने के लिए शुरू में तो बिनी ने सेल्फ स्टडी की. कोचिंग के लिए पिता पैसा देने में सक्षम नहीं थे. परिवार की माली हालत को समझते हुए थक हारकर बैठने की बजाय विकल्प खोजा. उन्होंने सोशल मीडिया खासकर यूट्यूब पर मौजूद ज्ञान को ही अपना गुरु बना लिया. तैयरी ऐसी की कि उड़ीसा सिविल सेवा परीक्षा पास कर ओसीएस अधिकारी बन गईं.
बनी अपने समाज की पहली ओसीएस अधिकारी
बिना कोचिंग के तैयारी कर ओसीएस परीक्षा में बैठने वाली बिनी को उनकी मेहनत का फल तब मिला जब उड़ीसा पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा में 596वीं रैंक हासिल कर ओसीएस अधिकारी बन गईें. अपनी इस सफलता के लिए उन्होंने अपने परिवार, दोस्तों और शिक्षकों को क्रेडिट दिया है.
उनकी मेहनत अब दिखा रही राह
बिनी के सेलेक्शन के बाद उनके पिता ने कहा था कि बिनी की यह उपलब्धि समाज की उन सभी लड़कियों के लिए प्रेरणा बनेगीे जो पढ़ लिखकर कुछ बनना चाहती हैं. बिन्नी की सफलता का असर उनके समाज पर दिखना शुरू हो गया है. हाल ही में मंगला मुडुली नाम की छात्रा बोंडा कम्युनिटी से आने वाली पहली लड़की बनीं जिसने नीट परीक्षा पास कर एमबीबीएस की पढ़ाई के लिए दाखिला लिया.
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