NEET UG Paper Leak 10 Big Things: भारत में मेडिकल क्षेत्र में अंडर ग्रेजुएट की सीटों में एडमिशन लेने के लिए नीट यानी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट देना होता है. नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद छात्र एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष, बीवीएससी, बीएससी नर्सिंग और एएच जैसे कई मेडिकल कोर्सेज में एडमिशन करवा सकता है. इस साल 5 मई को नीट यूजी पेपर हुआ.
जिसमें तकरीबन 24 लाख छात्रों के लिए यह पेपर आयोजित हुआ. इसके बाद जब परीक्षा के परिणाम आए तो वह सामान्य लोगों के लिए काफी चौंकाने वाले थे. क्योंकि पहली 67 छात्रों ने पूरे नंबर हासिल किए थे. इस पर जब बाद खबर आई की नीट का पेपर लीक हो गया है. फिलहाल बात की जाए तो नीट पेपर लीक के मामले को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो चुकी है. अब तक इस मामले पर किसका क्या कहना है. तो चलिए जानते हैं नीट पेपर लीक को लेकर क्या 10 बड़ी बातें निकलकर सामने आई हैं.
नीट पेपर लीक को लेकर अबतक की 10 बड़ी बातें:
- 5 मई को नीट का पेपर आयोजित किया गया. इसके बाद 4 जून को रिजल्ट आए तो पेपर में फर्जीवाडे का आरोप लगाया गया. पुलिस को इसकी सूचना मिली तो बिहार से मामले की जांच शुरू हुई. पुलिस ने जांच में पाया कुछ छात्रों और परीक्षा संचालकों की मिली भगत से यह पेपर लीक किया गया है. इसके बाद पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए नीट पेपर के चार अभ्यर्थी अभिषेक कुमार, शिवनंदन कुमार, आयुष राज और अन्य अनुराग यादव को गिरफ्तार कर लिया.
- इसके बाद जांच हुई जांच ईओयू को सौंपी गई. ईओयूने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय को सौंपी. इसके बाद केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने नीट पेपर लीक का मामला सीबीआई को सौंप दिया. नीट का यह पेपर 5 मई को देश के 571 शहरों में 4750 सेंटर्स पर हुआ 720 नंबर के इस पेपर में पहली बार 67 छात्रों ने 720 नंबर हासिल किये. तो इसमें से 6 छात्र हरियाणा के एक ही केंद्र के थे.
- नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी एनटीए से जब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया तब एनटीए ने कहा कि छात्रों को पूरा समय न मिल पाने के कारण उन्हें ग्रेस मार्क दिए गए थे.
- 67 में 44 छात्रों को ग्रेस मार्क्स के चलते पूरे नंबर मिले हैं. एनटीए ने दोबारा जब रिजल्ट को रिवाइज किया तब टॉप छात्रों की संख्या 67 से 61 पर आ गई. जिन 1563 अभ्यर्थियों को ग्रेस मार्ग दिए गए थे उनमें से 813 ने दोबारा नीट का एग्जाम दिया.
- सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर कहा अगर नीट यूजी 2024 के पेपर में पवित्रता का उल्लंघन किया गया है और अगर यह पूरी प्रक्रिया प्रभावित हुई है तो फिर एग्जाम दोबारा कराए जा सकते हैं.
- बिहार से इस लीक की जांच की शुरूआत हुई. झारखंड निवासी पंकज पर नीट का पेपर चुराने का आरोप लगाया गया. इस अपराध में पंकज की मदद राजू सिंह ने की थी. दोनों को सीबीआई ने हजारीबाग से गिरफ्तार किया.
- इस मामले को लेकर अब तक सीबीआई छह रिपोर्ट फाइल कर चुकी है. सीबीआई की रिपोर्ट में तकरीबन 155 स्टूडेंट को पकड़ा गया है जिन्हें इस लीक से फायदा मिला. सुप्रीम कोर्ट का इसे लेकर कहना यह है कि इस तरह के सबूत सामने नहीं आए हैं. जिससे यह साबित हो की पूरी परीक्षा ही प्रभावित हुई है. हालांकि परीक्षा को करवाने में सिस्टमैटिक गलती जरूर हुई है.
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सुप्रीम कोर्ट ने नीट पेपर लीक मामने में माना जाहिर तौर पर पेपर लीक हुई है. लेकिन कोर्ट ने पेपर की पूर प्रक्रिया को डिफाॅल्ट नहीं माना इसके लिए कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त सबूत नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा रीएग्जाम करवाए जाएंगे. तो फिर लाखों स्टूडेंट की मेहनत के साथ खिलवाड़ हो सकता है.
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सुप्रीम कोर्ट ने नेशनल टेस्टिंग एजेंसी एनडीए को नीट यूजी के रिजल्ट को रिवाइज कर रहे के जारी करने के लिए कहा है. तो साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा है अगर किसी स्टूडेंट का कोई पर्सनल मामला है जो नीट की जजमेंट में नहीं हुआ है तो वह कानून के तहत अपने अधिकार का प्रयोग करके याचिका दायर कर सकता है.
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आखिर में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला यही दिया है कि नीट का एग्जाम दोबारा नहीं करवाया जाएगा. बता दें तमाम 40 याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई पूरी हो गई है. जिस पर अभी फैसला सुरक्षित रख लिया गया है. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा है अगर जांच के दौरान कोई दोषी पाया जाता है. तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी और ऐसे में उसे एडमिशन नहीं दिया जाएगा. इसके अलावा किसी को कोई भी शंका है तो वह राज्य के हाईकोर्ट में अपील कर सकता है.
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