उत्तर प्रदेश विधानसभा ने उच्च शिक्षा के क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. बुधवार को राज्य विधानसभा ने अपने शीतकालीन सत्र के दौरान चार प्रमुख विधेयक पारित किए. इन विधेयकों के तहत राज्य में तीन नए निजी विश्वविद्यालय और विदेशी परिसर स्थापित किए जाएंगे. राज्य को देश में एक अग्रणी शिक्षा केंद्र में बदलने के लिए यह निर्णय लिया गया है.
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जानिये नए विश्वविद्यालयों के नाम और स्थान
आधिकारिक दस्तावेज के अनुसार, नए विश्वविद्यालयों में विद्या विश्वविद्यालय, मेरठ, विवेक विश्वविद्यालय, बिजनौर और चंडीगढ़ विश्वविद्यालय, उन्नाव शामिल हैं, जो राज्य में स्थापित किए जाने वाले नए विश्वविद्यालय हैं.
छात्रों को मिलेगी विश्व स्तरीय शिक्षा
इसके प्रभाव पर प्रकाश डालते हुए उच्च शिक्षा मंत्री योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि उच्च शिक्षा सुधारों से राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही मंचों पर उत्तर प्रदेश की छवि बेहतर होगी.
योगेंद्र उपाध्याय ने कहा कि नए विश्वविद्यालयों और विदेशी परिसरों की स्थापना से छात्रों को अपने गृह राज्य में ही विश्व स्तरीय शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्राप्त होगा. उन्हें अब राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी, क्योंकि उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा अब सस्ती और आसानी से उपलब्ध होगी. उन्होंने कहा कि अब तक केवल उत्तर प्रदेश में पंजीकृत संस्थान ही राज्य के भीतर विश्वविद्यालय स्थापित कर सकते थे. हालांकि, नए विधेयक अन्य राज्यों में पंजीकृत संस्थानों, कंपनियों और ट्रस्टों के लिए उत्तर प्रदेश में निजी विश्वविद्यालय खोलने के दरवाजे खोल देंगे. उन्होंने कहा कि यूजीसी द्वारा मान्यता प्राप्त विदेशी विश्वविद्यालय भी राज्य में परिसर स्थापित करने के लिए पात्र होंगे.
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