Parliament Winter Session 2024: संसद का शीतकालीन सत्र शुरू हो गया है. शीतकालीन सत्र 20 दिसंबर तक चलेगा. सत्र शुरू होने से पहले PM मोदी ने संसद भवन परिसर में हंस द्वार के नजदीक महत्वपूर्ण विषयों पर जानकारी दी थी. इसके बाद कुछ देर के लिए ही लोकसभा और राज्यसभा सत्र शुरू हुआ था. इसके बाद दोनों ही सदनों के सत्र को बुधवार सुबह 11 बजे तक स्थगित कर दिया गया था.
इससे पहले 26 नवंबर को संविधान दिवस की 75वीं वर्षगांठ थी. इस दौरान विशेष कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया. वहीं, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संविधान को देश का सबसे पवित्र ग्रंथ बताते हुए कहा था कि राष्ट्र ने संविधान के माध्यम से सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के अनेक बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया है.
‘हमारा संविधान, हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला’
संविधान को अंगीकार किए जाने की 75वीं वर्षगांठ के अवसर पर संसद के केंद्रीय कक्ष में आयोजित समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा था, “हमारा संविधान, हमारे लोकतांत्रिक गणतंत्र की सुदृढ़ आधारशिला है. हमारा संविधान, हमारे सामूहिक और व्यक्तिगत स्वाभिमान को सुनिश्चित करता है.” उन्होंने कहा, “बदलते समय की मांग के अनुसार नए विचारों को अपनाने की व्यवस्था हमारे दूरदर्शी संविधान निर्माताओं ने बनाई थी. हमने संविधान के माध्यम से सामाजिक न्याय और समावेशी विकास के अनेक बड़े लक्ष्यों को प्राप्त किया है.”
उन्होंने संविधान सभा के अध्यक्ष एवं प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद और संविधान के रचनाकार डॉ बाबासाहब भीमराव आंबेडकर के योगदान का भी उल्लेख किया. राष्ट्रपति ने कहा, “बाबासाहब आंबेडकर की प्रगतिशील और समावेशी सोच की छाप हमारे संविधान पर अंकित है. संविधान सभा में बाबासाहब के ऐतिहासिक संबोधनों से यह तथ्य स्पष्ट होता है कि भारत, लोकतंत्र की जननी है.”
पेश किए जाएंगे 16 विधेयक
केंद्र सरकार सत्र के दौरान कई महत्वपूर्ण विधेयकों को संसद से पारित कराने का प्रयास करेगी. इसमें वक्फ बिल समेत 16 विधेयक शामिल हैं. इस बार बैंकिंग नियम (संशोधन) विधेयक और रेलवे (संशोधन) विधेयक भी पेश किए जाएंगे. इन्हें भी पिछली बार सत्र में पेश किया गया था, लेकिन वे पारित नहीं हो पाए थे.
वहीं, राज्यसभा में भारतीय वायुयान विधेयक पेश किया जाएगा जिसे मानसून सत्र में लोकसभा की मंजूरी मिल चुकी है. वक्फ बिल पर विपक्ष केंद्र सरकार पर हमलावर है. ऐसे में संसद का शीतकालीन सत्र हंगामेदार रहना तय माना जा रहा है.