<p style="text-align: justify;"><strong>Corporate Jobs:</strong> अगर किसी आईटी कंपनी में एक साथ सीईओ, सीओओ और सीएफओ के कई पदों की वैकेंसी के लिए विज्ञापन आए तो क्या सोचेंगे आप? अगर सैलरी पैकेज भी सामान्य से कुछ ज्यादा ही देने का वादा हो तो तब तो आपको पक्का भरोसा हो जाएगा कि यह कंपनी अपने कारोबार का बड़े पैमाने पर विस्तार करने जा रही है. हो सकता है कि किसी नए कारोबार के लिए भी कई कंपनी लॉन्च करने जारी रही हो. यह भी तय है कि वर्तमान कारोबार में भी कंपनी को तगड़ा मुनाफा हो रहा होगा.</p>
<p style="text-align: justify;">ऐसा ही करियर के शिखर पर चढ़ चुके दिग्गज भी समझेंगे और ट्रेनी से लेकर मिड करियर जॉब के इच्छुक युवा भी कंपनी में नौकरी पाने की कतार में अपना बायोडाटा लगा देंगे. नौकरी के उम्मीदवारों से काफी दिनों के अंतराल पर एक के बाद एक औपचारिकताएं भी पूरी की जाएंगी. परंतु नियुक्ति के लिए कभी बुलावा नहीं आएगा. अगर आपके साथ भी ऐसा हुआ है तो आप समझ जाइए कि आप जरूर किसी कॉरपोरेट कंपनी की काल्पनिक नौकरियों के छलावे में आ गए हैं.</p>
<h3 style="text-align: justify;"><strong>कंपनियां क्यों करती हैं इस तरह की धोखाधड़ी</strong></h3>
<p style="text-align: justify;">इस तरह के मामलों में ज्यादातर देखा जाता है कि कंपनियां नौकरियों के लिए आवेदन की समय-सीमा लंबे समय तक के लिए रखती है. यह दो-तीन महीने से लेकर छह महीने तक के लिए होती है. दरअसल यह उन नौकरियों के लिए होता है, जो या तो कंपनी के पास होती ही नहीं है या फिर पहले ही भरी जा चुकी होती हैं.</p>
<p style="text-align: justify;">दरअसल कंपनियां अपने ग्रोथ के छलावे में नौकरी की खोज कर रहे लोगों को फंसाकर रखने के लिए ऐसा करती हैं. इससे कंपनियों को शेयर बाजार से लेकर दूसरे कारोबारी मामलों तक में काफी फायदा होता है. ऐसा भी होता है कि कंपनी में भविष्य में होने वाली वैकेंसी के लिए भी अच्छी प्रतिभाओं को विभिन्न औपचारिकताओं के बहाने लगातार फंसाकर रखा जाए, ताकि कोई पद खाली होने पर जल्दी से भरा जा सके. ऐसे मामलों में ज्यादार कंपनियां फायदे में होती है करियर के रास्ते पर आगे बढ़ रहे युवा नुकसान में रहते हैं.</p>
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