मणिपुर से राज्यसभा सदस्य लीशेम्बा सनाजाओबा ने जातीय संघर्ष को समाप्त करने के मकसद से मेइती और कुकी-जो समुदाय के लिए अलग-अलग प्रशासनिक इकाइयों की वकालत करने वाले मिजोरम के सांसद के. वनलालवेना पर निशाना साधा और कहा कि उन्हें सीमा पार नहीं करनी चाहिए. सनाजाओबा ने वनलालवेना से मणिपुर के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप बंद करने का भी आग्रह किया.
भारतीय जनता पार्टी (BJP) की सहयोगी मिजो नेशनल फ्रंट (MNF) के नेता वनलालवेना ने मणिपुर में हिंसा को रोकने के लिए पहला और तत्काल कदम उठाते हुए एन. बीरेन सिंह सरकार को हटाने और राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू करने का आह्वान किया है. यहां जारी हिंसा के दौरान पिछले साल मई से अब तक 250 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है.
सनाजाओबा ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर रविवार (24 नवंबर, 2024) को एक पोस्ट में वनलालवेना की टिप्पणियों की एक खबर को साझा करते हुए कहा, ‘मेरे दोस्त, सीमा पार मत करो… कृपया अपने राज्य के मुद्दों तक ही सीमित रहो… मणिपुर के मुद्दों में हस्तक्षेप करना बंद करो… एक अच्छे पड़ोसी बनो.’
मिजोरम से राज्यसभा सदस्य ने पीटीआई-भाषा के साथ एक साक्षात्कार में मणिपुर में जातीय हिंसा को समाप्त करने के लिए दो-चरणीय समाधान की वकालत की. उन्होंने शुक्रवार रात कहा, ‘तत्काल समाधान के लिए राष्ट्रपति शासन लागू करना जरूरी है. ऐसी अवधि के दौरान, केंद्र को स्थिति का गहन अध्ययन करना चाहिए और मेइती तथा आदिवासी समुदायों द्वारा कब्जा की गई भूमि का सीमांकन करना चाहिए.’
वनलालवेना ने कहा कि दोनों समुदायों के बीच बहुत बड़े विभाजन को देखते हुए उन्हें अलग-अलग प्रशासित किया जाना चाहिए. उन्होंने कहा, ‘पहाड़ी जनजातियां, घाटी में नहीं जा सकतीं. इसी तरह मेइती समुदाय के लोग भी अब पहाड़ी इलाकों में जाने की हिम्मत नहीं करते. मेइती और कुकी-जो समुदाय के लोगों के कब्जे वाली जमीन पर नई प्रशासनिक इकाइयां बनाई जानी चाहिए ताकि स्थायी समाधान निकाला जा सके और संघर्ष को समाप्त किया जा सके.’ मणिपुर के कुकी-जो समुदाय के लोग मिजो समुदाय के लोगों के साथ जातीय संबंध साझा करते हैं.
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