दुनियाभर में शादी की अलग–अलग परंपराएं हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत में कुछ जगहों पर ऐसी परंपारएं हैं, जो सुनकर ही आप चौंक जाएंगे. शादी के कुछ नियम आश्चर्य में डाल देते हैं. ऐसी ही एक पंरपरा है जहां मामा–भांजी की शादी करवाई जाती है. जी हां, आपने सही पढ़ा. भारत में ही एक जगह ऐसी है जहां मामा–भांजी की शादी होती है. ऐसे में चलिए जानते हैं कि इसके पीछे का कारण क्या है.
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कहां मामा–भांजी की होती है शादी?
दक्षिण भारत में कई जगहों पर मामा–भांजी की शादी की होती है. हालांकि, यह एक बहुत ही विवादास्पद विषय है और इस परंपरा की आलोचना भी होती है, लेकिन फिर भी इस परंपरा का पालन किया जाता है.
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इस परंपरा के पीछे क्या कारण हैं?
इस परंपरा के पीछे कई कारण बताए जाते हैं. दक्षिण भारत के कुछ आदिवासी समुदायों में जाति व्यवस्था बहुत सख्त होती है, इन समुदायों में शादी सिर्फ अपनी जाति के लोगों से ही की जा सकती है. ऐसे में अगर किसी जाति में लड़कियां कम हैं तो मामा–भांजी की शादी का सहारा लिया जाता है. इसके अलावा कुछ मामलों में, मामा–भांजी की शादी जमीन और संपत्ति को एक ही परिवार में रखने के लिए की जाती है. साथ ही कुछ समुदायों में सामाजिक दबाव के कारण मामा–भांजी की शादी की जाती है. वहीं कुछ आदिवासी समुदायों का मानना है कि मामा–भांजी की शादी से परिवार में खुशहाली आती है.
क्या यह परंपरा सही है?
यह परंपरा कई कारणों से गलत मानी जाती है. मामा–भांजी की शादी से होने वाले बच्चों में कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं. इस तरह की शादी कानूनन भी मान्य नहीं है. साथ ही यह परंपरा महिलाओं के अधिकारों का उल्लंघन करती है. इसके अलावा इस तरह की शादियों से समाज में एक गलत संदेश जाता है.
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