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JD Vance relation with tech industry will it help donald trump in american predential election 2024

J.D. Vance: जे.डी वेंस टेक इंडस्ट्री के ऐसे पहले एक्सपर्ट हो सकते हैं, जो कि अमेरिका के व्हाइट हाउस में कदम रख सकते हैं. दरअसल जे डी वेंस अमेरिका के ओहायो राज्य के एक संसद सदस्य हैं और अब उनके व्हाइट हाउस में जाने की संभावना बन रही है.

अगर ऐसा होता है तो जे डी वेंस टेक इंडस्ट्री के पहले व्यक्ति होंगे जो अमेरिका के व्हाइट हाउस के मेंबर बनेंगे. क्या आप जानते हैं कि जे डी वेंस और टेक इंडस्ट्री का रिश्ता कैसे हैं? अगर नहीं जानते हैं तो आइए हम आपको अपने इस आर्टिकल में बताते हैं कि जे डी वेंस का टेक इंडस्ट्री से इतना गहरा नाता कैसे है?

जे डी वेंस का टेक कनेक्शन

जे डी वेंस का टेक इंडस्ट्री से रिश्ता पीटर थील (Peter Thiel) के जरिए है. पीटर थील दुनिया की जानी मानी कंपनी पेपल (PayPal) के पूर्व सीईओ और एक प्रमुख निवेशक हैं. उन्होंने जे डी वेंस को अपने एक फंड में काम करने के लिए भी हायर किया था. लिहाजा, जे डी वेंस का टेक से पहला कनेक्शन तो यही है.

उनके दूसरे कनेक्शन की बात करें तो थील ने वेंस के खुद की वीसी फंड “नार्या” में भी इन्वेस्टमेंट की है, जिसकी शुरुआत उन्होंने 2019 में की थी. इसके अलावा थील ने बाद में जे डी वेंस के ओहायो के सेनेट चुनाव में भी वित्तीय समर्थन भी किया था. 

डोनाल्ड ट्रंप से जे डी वेंस का क्या कनेक्शन है?

अब जेडी वेंस को 2024 के राष्ट्रपति चुनाव के लिए डोनाल्ड ट्रंप के रनिंग मेट के रूप में चुना गया है. इस नए उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के पास वेंचर कैपिटल में काफी सारी विविधताएं हैं.

बड़े टेक रेगुलेशन और क्रिप्टोकरेंसी दोनों पर उनका मुखर रुख है. ट्रंप अभियान में उनका शामिल होना अमेरिका में मौजूद बड़ी टेक कंपनियों के लिए संभावित नीतिगत बदलावों को नया रूप देने जैसा माना जा रहा है.

टेक इंडस्ट्री के लिए वेंस का क्या महत्व है?

अमेरिका के मुख्य टेक इंडस्ट्री से जे डी वेंस रिश्ता काफी जटिल है. सिलिकॉन वैली से अपने अच्छे रिलेशन के बावजूद, वेंस अमेरिका की बड़ी टेक कंपनियों के मुख्य आलोचक रहे हैं. वह गूगल और मेटा जैसी अमेरिका और दुनिया की बड़ी टेक कंपनियों की खुलकर आलोचना करते हैं.

उन्होंने गूगल को तोड़ने का आह्वान किया है और सूचना पर गूगल जैसी दिग्गज टेक कंपनियों के नियंत्रण होने पर गहरी चिंता व्यक्त की है. वेंस की मंशा को सरल भाषा में समझें तो वो गूगल और मेटा जैसी बड़ी टेक कंपनियों की मनमर्जियों पर लगाम लगाना चाहते हैं और इसके लिए वो इन दिग्गज टेक कंपनियों के सामने कंट्टीटर्स को पेश करना चाहते हैं.

क्या ट्रंप का मदद करेगा जे डी वेंस का टेक कार्ड?

ट्रंप के रनिंग मेट के रूप में जेडी वेंस का नामांकन एक ऐसे उम्मीदवार को पेश करता है, जिसका वेंचर कैपिटल और सिलिकॉन वैली दोनों से गहरा संबंध है. इसके अलावा बिग टेक की कड़ी आलोचना और क्रिप्टोकरेंसी पर एक समर्थक रुख रखना भी वेंस की खास बातों में से एक है.

हालांकि, अभी तक यह देखना बाकी है कि उनकी उम्मीदवारी पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अभियान की कहानी को कैसे प्रभावित करेगी.

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Source link: ABP News

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