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The largest solar power plant floating in water in India does not sink even when the water rises

बता दें कि भारत के ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में सबसे बड़ा तैरने वाला (फ्लोटिंग पैनल) सोलर पावर प्लांट का आकार ले रहा है. जानकारी के मुताबिक प्रथम चरण में तीन कंपनियों ने प्रदेश शासन से लगभग 300 मेगावाट का अनुबंध किया है.

बता दें कि भारत के ओंकारेश्वर बांध के बैकवाटर में सबसे बड़ा तैरने वाला (फ्लोटिंग पैनल) सोलर पावर प्लांट का आकार ले रहा है. जानकारी के मुताबिक प्रथम चरण में तीन कंपनियों ने प्रदेश शासन से लगभग 300 मेगावाट का अनुबंध किया है.

इसके बाद नर्मदा नदी पर बने फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन दो चरणों में प्रस्तावित है. इस संयंत्र से 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रुकेगा, जो लगभग एक करोड़ 52 लाख पेड़ के बराबर है.

इसके बाद नर्मदा नदी पर बने फ्लोटिंग सोलर पावर प्लांट से 600 मेगावाट बिजली का उत्पादन दो चरणों में प्रस्तावित है. इस संयंत्र से 12 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन रुकेगा, जो लगभग एक करोड़ 52 लाख पेड़ के बराबर है.

जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में करीब 600 मेगावाट बिजली सोलर पैनल से बनेगी. ये बिजली विद्युत वितरण कंपनी के ग्रिड को भेजी जा रही है.

जानकारी के मुताबिक आने वाले समय में करीब 600 मेगावाट बिजली सोलर पैनल से बनेगी. ये बिजली विद्युत वितरण कंपनी के ग्रिड को भेजी जा रही है.

ओंकारेश्वर परियोजना 88 मेगावाट के लिए 207 हेक्टेयर में दो लाख 13 हजार 450 फ्लोटिंग सोलर पैनल बैकवाटर में लगना है. अभी तक एक लाख से ज्यादा सोलर पैनल लग चुके हैं.

ओंकारेश्वर परियोजना 88 मेगावाट के लिए 207 हेक्टेयर में दो लाख 13 हजार 450 फ्लोटिंग सोलर पैनल बैकवाटर में लगना है. अभी तक एक लाख से ज्यादा सोलर पैनल लग चुके हैं.

वहीं प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपए है. ये 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाया है. बता दें कि पैनल पानी की सतह पर तैरते रहेंगे. इतना ही नहीं जल स्तर घटने और बढ़ने की स्थिति में ये खुद से संतुलित होंगे. वहीं इस पर तेज लहरों और बाढ़ का भी प्रभाव नहीं होगा.

वहीं प्रोजेक्ट की लागत करीब 3,000 करोड़ रुपए है. ये 2 हजार हेक्टेयर जल क्षेत्र में सोलर पैनल लगाया है. बता दें कि पैनल पानी की सतह पर तैरते रहेंगे. इतना ही नहीं जल स्तर घटने और बढ़ने की स्थिति में ये खुद से संतुलित होंगे. वहीं इस पर तेज लहरों और बाढ़ का भी प्रभाव नहीं होगा.

Published at : 02 Jul 2024 08:56 PM (IST)

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Source link: ABP News

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