Central Govt. Launch Prahari Portal: केंद्र सरकार ने बच्चों को मादक पदार्थ के सेवन से बचाने के लिए एक पोर्टल शुरू किया है, जो स्कूलों के आसपास प्रतिबंधित पदार्थों की बिक्री को रोकने और छात्रों और शिक्षकों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिए एक मजबूत निगरानी प्रणाली की सुविधा प्रदान करेगा.
प्रहरी पोर्टल की शुरुआत की गई
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने युवाओं को मादक पदार्थों की समस्या से बचाने और स्कूलों के आसपास ऐसे पदार्थों की बिक्री पर रोक के लिए निगरानी तंत्र विकसित करने के उद्देश्य से प्रहरी पोर्टल की शुरुआत की है.
राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) और नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने इस संबंध में एक राष्ट्रीय समीक्षा और परामर्श बैठक का आयोजन किया था. इस बैठक में संयुक्त कार्य योजना के कामों पर चर्चा की गई जिसका उद्देश्य नशा मुक्त भारत के दृष्टिकोण के तहत बच्चों में मादक पदार्थों का सेवन और उनकी अवैध तस्करी को रोकना है.
नशे खिलाफ युद्ध नाम दिया गया
इस संयुक्त कार्य योजना का नाम नशे के खिलाफ एक युद्ध दिया गया, जिसका उद्देश्य बच्चों को मादक पदार्थों का सेवन करने से रोकना है. इस व्यापक योजना में सभी हितधारकों, एजेंसियों, कर्तव्यधारकों, अधिकारियों, मीडिया और अभिभावकों को शामिल किया गया है, जिससे वे बच्चों को मादक पदार्थों का सेवन करने से बचाने में अपनी भूमिका निभा सकें.
आज मैं विज्ञान भवन, नई दिल्ली में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग तथा स्वापक नियंत्रण ब्यूरो द्वारा ड्रग्स दुरुपयोग एवं अवैध दुर्व्यापार के विरुद्ध अंतर्राष्ट्रीय दिवस के अवसर पर “एक युद्ध नशे के विरुद्ध“ कार्यक्रम को संबोधित किया pic.twitter.com/3E5ha7qrCc
— Nityanand Rai (@nityanandraibjp) June 30, 2024
युवाओं की सुरक्षा के महत्व पर दिया जोर
केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय ने एनसीपीसीआर और एनसीबी की ओर से शुरू की गई संयुक्त कार्य योजना की प्रशंसा की और नशा मुक्त राष्ट्र के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता का उल्लेख किया. उन्होंने युवाओं की सुरक्षा के महत्व पर जोर दिया, क्योंकि वे विकसित भारत के भावी नेता हैं. साथ ही वे भारत की कुल जनसंख्या का 59 फीसदी हैं.
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री ने अपने संबोधन के दौरान नशीले पदार्थों और आतंकवाद के प्रति सरकार की जीरो-टॉलरेंस (बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने) नीति के बारे में विस्तार से बताया. उन्होंने मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के लिए सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ), सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) और असम राइफल्स को सशक्त बनाने और मादक पदार्थों के व्यापार को समाप्त करने के लिए उठाए जा रहे व्यापक उपायों के बारे में भी जानकारी दी.
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